आगे हमने credit note के बारे मे detail मे जाना और Credit note का विरोधी (उल्टा) यानि debit note। तो आज हम जनेगे की Debit note क्या है और कब इतेमाल की जाती है। और GST मे debit note क्या होता है वो भी जानेगे।
Read this:- GST मे Credit Note क्या होता है? और इसको कब जारी किया जाता है। Credit Note meaning in hindi
Debit Note क्या है? Debit note meaning in hindi
डेबिट नोट, यह सूचना देने के लिए भेजा जाता है, कि पहले जो सौदा (transaction) हुआ था, उसमें वास्तविक दाम से कम का भुगतान मिला है। या फिर पहले किए गए किसी सौदे में जो GST टैक्स लिया गया था, वह वास्तविक टैक्स से कम था। Debit Note के साथ नई कीमत या नए टैक्स के हिसाब से तैयार करके नई रसीद (receipt) भी भेजी जाती है। जिससे value यानि transaction की value बढ़ाने के लिए ज्यादा पैसा वसूल करने के लिए ली जाती है।
डेबिट नोट कब जारी होता है?
Debit note किसी बिक्रेता (supplier) की ओर से तब जारी किया जाता है, जबकि, किसी सौदे की नई रसीद (invoice) में, सामान की कीमत (value) बढ़ाकर भेजी जानी हो। या उस सौदे पर लागू GST की मात्रा बढ़ाकर भेजी जानी हो। डेबिट नोट के साथ, supplementary invoice भी भेजनी पड़ती है। जिसमें नए रेट के हिसाब से सौदे के डिटेल्स देने पड़ते हैं।
इस तरह, हम देखते हैं कि कोई बिक्रेता, दो स्थितियों में debit note जारी कर सकता है-
- अगर पहले जारी की गई रसीद में, वस्तुओं या सेवाओं (goods or services) का दाम, वास्तविक दाम के मुकाबले कम दर्ज कर भेज दिया गया हो।
- अगर पहले जारी की गई रसीद में, वस्तुओं या सेवाओं (goods or services) पर वसूले गए GST टैक्स की रकम, वास्तविक टैक्स देनदारी से कम ले ली गई हो।
डेबिट नोट का उदाहरण
उदाहरण के लिए, 1 अप्रैल 2023 को आकाश प्राइवेट लिमिटेड ने किसी सामान की 10000 यूनिट, 20 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से मेसर्स सिन्हा ट्रेडर्स को बेचा। इस पर 5% के हिसाब से GST लगता है, जोकि कुल 10 हजार रुपए लिया गया।
सौदा होने के कुछ दिन बाद, आकाश प्राइवेट लिमिटेड को पता चलता है कि उस वस्तु के दाम 20 रुपए की बजाय 25 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से होने चाहिए थे। यानी कि 5 रुपए प्रति य़ूनिट के हिसाब से कम पैसे लिए गए थे। उसी के हिसाब से कम GST टैक्स भी काटा गया था, जो कि वास्तव में ज्यादा काटा जाना चाहिए था। यानी कि उस सौदे की टैक्स रसीद (tax invoice) दिए गए सामान के मुकाबले कम की थी, जोकि ज्यादा की होनी चाहिए थी।
ऐसी स्थिति में आकाश प्राइवेट लिमिटेड एक Debit Note तैयार करके मेसर्स सिन्हा ट्रेडर्स को भेज देगा। इसमें, मेसर्स सिन्हा ट्रेडर्स को इस बात की सूचना दी जाएगी कि कि पिछले रसीद (original invoice) से अलग, अभी भी 50,000 रुपए (5 x 10,000) आपकी देनदारी बची है। इस तरह, डेबिट नोट के माध्यम से मेसर्स सिन्हा ट्रेडर्स को यह सूचित (notify) करेगा कि उसके अकाउंट में इतने रकम के debit की आवश्यकता है।
डेबिट नोट भेजने के लिए कोई अंतिम तारीख नहीं:
डेबिट नोट जारी करने के लिए कोई समय-सीमा नहीं होती। जब भी आपको पता चले कि पिछले सौदे में गलती से या भूलवश कम पैसा या कम GST लिया गया था, तो डेबिट नोट जारी कर सकते हैं।
सिर्फ रजिस्टर्ड कारोबारी ही डेबिट नोट जारी कर सकते हैं?
सिर्फ जीएसटी में रजिस्टर्ड कारोबारी ही, किसी पिछले सौदे के संबंध में डेबिट नोट जारी कर सकता है। जो कारोबारी GST में रजिस्टर्ड नहीं हैं, उन्हें डेबिट नोट जारी करने का अधिकार नहीं होता।
सिर्फ कारोबारियों के बीच सौदों (B2B)के लिए डेबिट नोट का इस्तेमाल हो सकता है?
डेबिट नोट का इस्तेमाल सिर्फ कारोबारी से कारोबारी के बीच हुए सौदों के संबंध में ही हो सकता है। कारोबारी से कस्टमर के बीच हुए सौदों (B2C) के संबंध में डेबिट नोट नहीं जारी किए जा सकते।
खरीदार (Purchaser) नहीं जारी कर सकता डेबिट नोट
यहां ध्यान रखें कि जीएसटी में debit note, सिर्फ बिक्रेता (supplier) ही जारी कर सकता है, खरीदार (recipient) नहीं। जबकि जीएसटी से अलग किसी मामले में खरीदार (supplier) को भी debit note जारी करने की अनुमति होती है। अगर सामान को खराब होने के कारण, या कम जरूरत के कारण लौटाना पड़ रहा हो।
रिटर्न फॉर्म GSTR-1 में भी डेबिट नोट का उल्लेख करना पड़ता है
अगर डेबिट नोट जारी किया गया हो तो उसे आपको रिटर्न फॉर्म GSTR 1 में उसका details भी देनी पड़ती है। क्योंकि GSTR 1 में आपको संबंधित समयसीमा के दौरान की सभी sales का details देनी पड़ती है।