Tally Prime मे E-Invoice कैसे बनाए? How to create E-Invoice in Tally in hindi?

1 October 2022 को E-invoice जारी करने का आवश्यक कर दिया है 10 करोड़ से ज्यादा का Turnover वालों को B2B transaction पे E-Invoice बनाना जरूरी हो गया है। और 1 अगस्त 2023 से 5 करोड़ के लिए अनिवार्य है। इसलिए जो भी Accountant है उनको E-Invoicing  करना आना चाहिए। 

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बिल बनाने के लिए लोग ज़्यादातर Tally का use करते है इसलिए आज मे Tally से कैसे E-Invoice बनाए  वो बताने वाली हु। 

Tally मे E-Invoice कैसे बनाए? ( How to make E-Invoice in Tally?)

Tally मे E-Invoice बनाने के लिए आपके पास Tally prime होना जरूरी है! Tally prime मे आप आसानी से Invoice बना सकते है। जैसे आप normal Invoice बनाते हो वैसे ही बनाना होता है लेकिन कुछ Advance detail देनी होती है। बस नॉर्मल invoice से थोड़ी setting आपको अलग करनी होगी और वो E-invoice मे  जानकारी चाहिए होती है वो सब आ सके वैसे Invoice बनाना होता है।

E-Invoice की Website पे Registration कैसे करे? How to Register for Generate E-invoice?

E-Invoice बनाने के लिए पहले आपको अपने Tally prime मे setting करनी होती है। तो पहले वो जान लेते है की E-Invoice बनाने के लिए Tally मे कोनसी सेटटिंग करे?

Tally Prime setting for E-Invoice:-

 Tally Prime को पहले open कर लो फिर Gateway of tally मे F11 Press करके GST की setting कर लो जो नीचे आप देख सकते है। GST को yes कर दो। और फिर दूसरा Box खुलेगा जिसमे आपको Data fill करना है!

उपर दिखाए गए ऑप्शन को yes करके फिर और detail file करने का आएगा जिसमे आपको GST number, GST कब से applicable है, e-Invoice- yes करना होगा और जो जो detail है सारी भर देनी है। 

अब आपको E-Invoice Applicable करना होगा yes करके आप E-Invoice Applicable हो जाएगा। अब आपको सब सेव कर देना है। Bill From-Place मे आपके शहर का नामे लिख दीजिये 

E-invoice मे आपको कुछ डीटेल भरनी अनिवार्य है यानि की वो detail आपको भरनी होगी ही। नीचे आप देख सकते है की कोनसी कोनसी detail आपको देनी होगी। E_invoice मे कुछ चिज़े है जो आपके बिल मे होना जरूरी है जिसकी लिस्ट नीचे है तो ऐसा बिल बनाए जिसमे सारी जानकारी आ जाए!

E-Invoice बनाने के लिए आप किसी भी accounting Software से bill बना दे जिसमे कुछ detail सामील होनी चाहिए जो नीचे मैंने बताया हुआ है!

  • डॉक्यूमेंट टाइप कोड : (जैसे कि Invoice के लिए INV, Credit Note के लिए CRN, Debit Note के लिए DBN)
  • सप्लायर का लीगल नेम (जैसा कि उसके पैन कार्ड में दर्ज हो)
  • सप्लायर का GSTIN नंबर (e-invoice जारी करने वाले का)
  • सप्लायर का पता (Address) : (बिल्डिंग नंबर/ फ्लैट नंबर,  रोड/ गली संख्या वगैरह)
  • सप्लायर का स्थान:  जैसे  कि सिटी/ टाउन/ विलेज
  • सप्लायर  के राज्य का कोड (GSTN नेटवर्क के मुताबिक)
  • सप्लायर का पिन कोड नंबर
  • डॉक्यूमेंट नंबर (यूनिक इनवॉइस नंबर)
  • पिछली ओरिजिनल इनवॉइस का नंबर ( अगर डेबिट नोट एंड क्रेडिट नोट के कारण नई इनवॉइस जारी  की जा रही है तो)
  • डॉक्यूमेंट की तारीख ( इनवॉइस जारी करने की डेट, YYYY-MM-DD फॉर्मेट में)
  • सप्लाई प्राप्त करने वाले (खरीदार) का लीगल नेम  पैन कार्ड में दर्ज नाम के मुताबिक)
  • सप्लाई प्राप्त करने वाले (खरीदार) का GSTIN नंबर
  • खरीदार का  पता (बिल्डिंग नंबर/ फ्लैट नंबर,  रोड/ गली संख्या वगैरह)
  • खरीदार के राज्य की कोड संख्या
  • खरीदार के राज्य का नाम (लिस्ट में से सेलेक्ट करें)
  • खरीदार के स्थान का पिन कोड नंबर
  • खरीदार की लोकेशन ( सिटी/ टाउन/ या गांव)
  • IRN (इनवॉइस रिफरेंस नंबर) 
  • शिपिंग के लिए GSTIN नंबर: (यहां पर उस व्यक्ति का जीएसटी नंबर डाला जाएगा जिससे माल की सप्लाई डिलीवर की जानी है। कोई अन्य व्यक्ति नहीं है तो  खरीदार का  ही जीएसटी नंबर डाला  जाना चाहिए)
  • शिपिंग से संबंधित स्थान का पिन कोड और स्टेट कोड
  • जहां से माल डिस्पैच  होना है, उसका नाम पता,  स्थान,  पिन कोड वगैरह
  • सप्लाई में अगर,  सेवाओं (service) की सप्लाई शामिल है तो  उल्लेख करना है 
  • सप्लाई टाइप कोड: सप्लाई  जिस प्रकार के है उसका कोड (जैसे कि बिजनेस टू बिजनेस,  बिजनेस टू कंजूमर,  सप्लाई टु सेज,  सप्लाई  टु एक्सपोर्ट, डीम्ड एक्सपोर्ट वगैरह)
  • Item Description (सप्लाई आइटम का प्रकार) 
  • HSN Code: मुख्य सामानों और सेवाओं  के एचएसएन कोड डाले जाने चाहिए
  • Item_Price :  सप्लाई होने वाले आइटम के रेट (बिना GST शामिल किए)
  • Assessable Value: अगर किसी आइटम  की कीमत में डिस्काउंट मिलना है तो  डिस्काउंट के बाद का रेट (बिना GST शामिल किए)
  • GST रेट: सप्लाई किए जाने वाले आइटम पर   लागू जीएसटी दर
  • Total IGST Value, Total CGST Value और Total SGST Value ( सब अलग-अलग दर्ज करनी पड़ती हैं)
  • Total invoice Value:   जीएसटी को शामिल करते हुए कुल सप्लाई की कीमत ( दशमलव के 2 अंकों तक) 

ये सारी जानकारी E-Invoice  मे होनी चाहिए तो आप tally मे ऐसा invoice बना सकते है जिसमे ये जानकारी हो।

फिर आपको जैसे invoice बनाते है वैसे Invoice बना देने है और आपके बने हुए Invoice को अब E-Invoice मे कैसे convert करे वो जानते है।

सबसे पहले जो invoice के E-Invoice बनाने है वो Invoice की entry कर दो tally मे फिर GST report मे जाना है। फिर E-Invoice वाले option पे click करो। नीचे आप देख सकते है।

इसके बाद आपको सारे invoice इसमे दिख जाएगे की कोनसे e-invoice बने हुए है  और कोनसे नही। फिर आप Tally से ही E_invoice GENERATE कर सकते है। PENDING FOR EXCHANGE WITH INVOICE मे आपके जो Invoice बाकी है E-Invoice के लिए वो दिखेगा 

Tally मे E_invoice कैसे Generate करे? (How to Generate/Export E-Invoice?)

Pending for Exchange with invoice मे आप Invoice open करे फिर ALT+Z करे या उपर Exchange लिखा होगा वह क्लिक करे। नीचे आप फोटो मे देख सकते है। 

सारे invoice यहा आपको दिख जाएगे फिर आप Send पे click करे यहा से IRN Generate होने की process स्टार्ट हो जाएगी। फिर यहा आपको दिखेगे की आप IRN Generate करने के लिए भेज र्हहे है यहा आपको yes करना है।

यहा से आप E-invoice के API मे Login id और password बनाया है  उससे लॉगिन कारले फिर आप 8 घंटे तक कम कर सकते है और आपको Tally बीच मे बंध नही करना है।

नीचे दिये गए फोटो मे आप देख सकते है ऐसा interface खुलेगा।

फिर IRN नंबर और QR code बन जाएगा फिर आप Invoice की print ले सकते है। 

आप invoice बनाते टाइम भी E_invoice बना सकते है नीचे e-Invoice का Option yes करे फिर वह भी API से लॉगिन करके आप E-Invoice बना सकते है!!

ऊमीद है आपको पोस्ट पसंद आय होगा। अगर कोई भी सवाल है तो comment मे पूछ सकते है 

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